अंकिता हत्याकांड का एक वर्ष:…जब सुलग उठा था पहाड़, नहीं सूखे बूढ़े माँ-बाप के आंसू, आज भी आंख में आंसू लिए न्याय की आस लगाए बैठे है…..

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ठीक एक साल पहले आज ही के दिन पौड़ी की बेटी अंकिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अंकिता को उसी के रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने नहर में धक्का देकर मौत के घाट उतारा था। अंकिता का जब पता नहीं चला तो स्थानीय लोगों ने उसकी तलाश करने को पुलिस पर दबाव बनाया और क्षेत्र में प्रदर्शन शुरू कर दिया।
शुरुआत में मामला राजस्व पुलिस के हाथ में था। पटवारियों ने जितना टालना था टाला लेकिन तीन दिन दिन बाद 21 सितंबर को मुकदमा रेगुलर पुलिस के हाथ में चला गया। लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच शुरू की। अगले ही दिन पुलिस ने पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में पता चला कि पुलकित से अंकिता का चीला नहर के पास अंकिता से झगड़ा हुआ था। इस बीच अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया। इससे गुस्साए पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया
हत्या का पता चले तीन दिन बीत गए लेकिन अंकिता की लाश नहीं मिली। इसके तीन दिन बाद 24 सितंबर को अंकिता की लाश चीला बैराज से बरामद हुई। इसके बाद तमाम गुत्थियां भी सुलझती चली गई पता चला कि पुलकित ने एक साजिश के तहत अंकिता की हत्या की थी। इसके बाद मामले को एसआईटी को सौंप दिया गया।
दो दिन बाद अंकिता के दोस्त पुष्प की एक चैट अंकिता के साथ वाली वायरल हुई। इसमें पता चला कि पुलकित अंकिता पर वीआईपी को विशेष सर्विस देने का दबाव बना रहा था। इसलिए अंकिता परेशान थी।
उसने यह बात पुष्प को बताई थी। अंकिता जब नहीं मानी तो पुलकित अपने इन दोस्तों के साथ आंकता को ऋषिकेश के गया। इसके बाद रास्ते में चीला मार्ग नहर किनारे उसे धक्का देकर हत्या कर दी गई।
इस मामले की सरकार के आदेश से फास्ट ट्रैक अदालत में सुनाई शुरू हुई। पुलिस ने चार्जशीट में 97 गवाह बनाए थे। इनमे से अब तक 19 गवाहों की गवाही कोर्ट में हो चुकी है। इस दौरान गवाहों ने कोर्ट के सामने बहुत से नए तथ्यों को उजागर किया है।

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