शादी के बाद 11वीं की छात्रा को स्कूल आने से रोका, क्लास में बैठने पर लगाई रोक, मैनेजमेंट ने दी सफाई –
अल्मोड़ा में छात्रा की शादी हो जाने पर कक्षा में न बैठने देने पर विवाद हो गया. मामला तूल पकड़ा तो स्कूल प्रशासन ने सफाई दी है. साथ ही सभी आरोपों को निराधार बताया है.
शादी के बाद 11वीं की छात्रा को स्कूल आने से रोका,
अल्मोड़ा: इंटर कॉलेज अल्मोड़ा की एक छात्रा को उसकी शादी हो जाने के बाद कक्षा में न बैठने देने का मामला सामने आया है. छात्रा और उसके परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद अब स्कूल प्रशासन उसे प्राइवेट रूप से आगे की पढ़ाई करने को कह रहा है. उधर, मामले में स्कूल प्रशासन ने सफाई दी है.
जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा की रहने वाली एक छात्रा कक्षा 11वीं की छात्रा है. वो कक्षा 8 से इस विद्यालय में पढ़ते आ रही है. बीती 28 जुलाई को उसके परिजनों ने उसकी शादी कर दी थी. छात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि शादी होने के बाद जब वो 3 अगस्त को स्कूल गई थी. स्कूल में उससे कहा गया कि ‘अब आप स्कूल नहीं आ पाओगी और प्राइवेट से पढ़ाई करो. इससे यहां के बच्चों का माहौल खराब होगा…’ छात्रा का कहना कि वो स्कूल जाना चाहती है और आगे पढ़ना चाहती है, लेकिन उसे मना किया जा रहा है.
वहीं, छात्रा की सास ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अपनी बेटी की शादी के बाद जब वो बहू को स्कूल लेकर गई तो स्कूल प्रशासन ने उनकी बहू को क्लास में बैठाने से मना कर दिया. स्कूल प्रशासन ने ये कह कर मना कर दिया कि ‘स्कूल में शादीशुदा लड़कियों के रहने से स्कूल का माहौल खराब हो सकता है और आप इसे प्राइवेट शिक्षा दिला सकते हैं. विद्यालय में इसे नियमित पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है…’
इधर, स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि ‘यह कोई विवाद का मामला नहीं है. ये बेटी हमारे स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा है. उसके परिजनों ने कहा था कि वो 28 जुलाई को हम अपनी बेटी की शादी करने जा रहे हैं. इस दौरान केवल बात हुई थी. हमने कहा था कि यह हमारे संज्ञान में नहीं है कि विवाहित छात्रा को विद्यालय में बैठाए या ना बैठाएं. इस संबंध में उच्चाधिकारी से जानकारी लेंगे, उसके बाद उसे कक्षा में बैठने देंगे. इतनी सी बात को मुद्दा बना दिया.’
उन्होंने कहा कि उनकी उच्चाधिकारियों से बात हो चुकी है. उन्होंने बच्चे को कक्षा में बैठाने की बात कही है. स्कूल ने बच्चे का नाम निरस्त भी नहीं किया गया है. प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्रा 24 जुलाई के बाद से अभी तक स्कूल नहीं आई है. विद्यालय में न बैठने देने का जो पत्र 3 अगस्त का है, उसमें लगाए आगे आरोप सभी झूठे हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय नियमों के अधीन बालिका स्कूल में आए तो वो जैसे अभी तक पढ़ रही थी, वैसे ही पढ़ेगी.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक