उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सरकारी शिक्षा की बेहतरी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अभी हालात नहीं सुधरे, पहाड़ी नया राज्य के बाद जिले के 244 स्कूलों में ताले लटक गये है,इसका प्रमाण ये हैं। कि काफी प्रयासों के बाद भी छात्र छात्राओं की संख्या जीरो होने पर इन प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूलों में ताले डाल दिए हैं। इसी वर्ष की बात करें तो 37 विद्यालयों में ताले लटक गए हैं।
शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में राज्य गठन के समय 1659 प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल संचालित थे जिनमें 28,880 विद्यार्थी शिक्षा लेते थे। इन 23 सालों में अब तक 244 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल छात्र संख्या शून्य होने की वजह से बंद हो चुके हैं और ये वीरान स्कूल सरकारी शिक्षा को बढ़ावा देने के दावों को फेल साबित कर रहे हैं। वर्तमान में भी हालात बेहतर नहीं हैं। इस समय संचालित 1378 विद्यालयों में छात्र संख्या घटकर करीब 23,000 रह गई है। इनमें 335 प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल ऐसे हैं जहां छात्र संख्या 10 से कम है और उनमें कभी भी ताला लग सकता है।
अल्मोड़ा। इस शिक्षा सत्र में अब तक जिले में छात्रसंख्या शून्य होने से 37 विद्यालय बंद हुए हैं। इन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को अन्य विद्यालयों का रुख करना पड़ा है। विभाग के मुताबिक बंद विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में समायोजित किया गया है।
अल्मोड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए सरकारी विद्यालयों के बंद होने की बड़ी वजह पलायन है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में अब तक सड़क, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में 259 गांव जनशून्य हो गए हैं। यहां बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाओं के अभाव में लोगों ने पलायन किया है। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या घटी है और इनमें ताले लटक गए हैं।
अब तक बंद हुए स्कूल
विकासखंड स्कूलों की संख्या
धौलादेवी 14
ताकुला 08
भिकियासैंण 40
चौखुटिया 45
भैसियाछाना 19
स्याल्दे 17
लमगड़ा 12
सल्ट 31
हवालबाग 17
ताड़ीखेत 25
द्वाराहाट 16
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक