Uttarakhand: रिजल्ट से एक दिन पहले करन-योगेश हुए जिंदगी की परीक्षा में फेल, हादसे के गवाह दोस्तों को लगा धक्का
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रानीखेत के सिरौता नदी में नहाने के दौरान काल के गाल में समाए करन और योगेश बोर्ड का रिजल्ट आने से एक दिन पहले जिंदगी की परीक्षा में फेल हो गए। दोनों ने इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड से 12वीं की परीक्षा दी थी।
रानीखेत के सिरौता नदी में नहाने के दौरान काल के गाल में समाए करन और योगेश बोर्ड का रिजल्ट आने से एक दिन पहले जिंदगी की परीक्षा में फेल हो गए। दोनों ने इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड से 12वीं की परीक्षा दी थी। आज शनिवार को उनका परीक्षा परिणाण आना था। दो घरों के चिराग बुझने से घिंघारी गांव में मातम पसर गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
शनिवार को रिजल्ट घोषित होने की खुशी में चारों दोस्तों ने घूमने की योजना बनाई थी किंतु यही योजना उनकी जिंदगी का आखिरी दिन बनकर रह गई। दोनों मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उनके माता-पिता को उनसे कई उम्मीदें थीं। ग्रामीणों ने बताया कि करन व योगेश पढ़ाई में अच्छे थे। व्यवहार कुशल होने से वे गांव में सभी के प्रिय थे। करन व योगेश की असमय मौत से आसपास के क्षेत्र में भी शोक व्याप्त है।
हादसे के गवाह दोस्तों को गहरा धक्का
हादसे के चश्मदीद गवाह अमन व शुभम को घटना से गहरा धक्का लगा है। उन्होंने नम आंखों से बताया कि जब वे सिरौता नदी के तट पर पहुंचे तो गर्मी के कारण उनका नहाने को मन कर गया और वे नदी में उतर गए। नहाते वक्त करन व योगेश गहराई में चले गए और डूबने लगे। हमने उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की और पकड़े रखा। इसके बाद सहायता के लिए शोर मचाया। इसी बीच वे हाथ से फिसल गए।
करन दो भाइयों में छोटा और योगेश इकलौता बेटा था
करन बोहरा दो भाइयों में छोटा था। उसके पिता रुद्रपुर में एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। हादसे की खबर सुनते ही वे घर के लिए रवाना हो गए हैं। योगेश मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसके पिता बालम सिंह बोहरा मेहनत-मजदूरी कर परिवार पालते हैं। घर में मां और एक छोटी बहन है। उसकी मौत की खबर सुनकर मां व बहन का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रशासन से अपीलः नदी किनारे लगाएं चेतावनी बोर्ड
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और ऐसे स्थानों पर सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक