बच्चों की जान से खिलवाड़, मामूली गलती पर बच्चों के सिर पर डलवाया लीसा
अल्मोड़ा स्याल्दे तहसील में ग्राम पंचायत टिटरी में 5 मासूमों बच्चों के साथ एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई। दरसल ये बच्चे गाय चराने जंगल में गए थे, वहां उन्होंने मामूली शरारत करते हुए लीसा के गमलो को फेंक दिया था।बस सी बात पर लीसा ठेकेदार के कर्मचारियों का पारा इतना गर्म हो गया कि कर्मचारी बच्चों को उनके घर से पकड़कर लीसा डीपो लाए। पहले तो उनके नाम और पहचान पूछी और फिर उन्हें लीसा के गमले देकर अपने अपने सिर पर डालने को कहा। डरे व सहमे बच्चों ने लीसा के गमला अपने सिर पर डाल दिए…
मामला पिछले महीने 29 जून का बताया जा रहा है,
पुराना वीडियो, वायरल होने से हड़कंप: बताया जा रहा है कि वीडियो कुछ दिन पुराना है. लेकिन वह बुधवार से ही वायरल होना शुरू हुआ. मामले में दोनों पक्षों में पूर्व में ही समझौता हो गया था. गुरुवार यानी बीते रोज को बाल कल्याण समिति ने डीएम और एसएसपी से भी मामले में शीघ्र कार्रवाई को कहा है. जिसका संज्ञान लेते हुए राजस्व टीम पीड़ितों के घर पहुंची. टीम ने उनसे मामले की जानकारी ली, जिसके बाद मासूमों का मेडिकल परीक्षण करवाया गया.
वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गया, वीडियो में देखा जा सकता है कि ठेकेदार के कर्मचारी बच्चों को लगातार धमका रहे हैं, उनसे कह रहे हैं, क्या करोगे जिंदगी भर, आगे से ऐसा करोगे? चलो इसे अपने सिर पर डालो। इस घिनौने कृत्य का वीडियो भी स्वयं लीसा कर्मचारी ने बनाया है। लीसा डालते हुए बच्चे बोल रहे हैं कि उनकी आंखों में जलन हो रही है। लेकिन लीसा ठेकेदार के कर्मचारियों पर कोई असर नही हुआ। इस घटना से बच्चों की जान को बडा खतरा पैदा हो गया था। बताया जा रहा है कि लीसा के कारण कुछ बच्चों की आंख पर सूजन भी आ गई है।
मामला संज्ञान में आते ही बाल कल्याण समिति ने इस कृत्य को गंभीर मानते हुए एसएसपी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। जिन पांच बच्चों पर लीसा डाला है, वे बच्चे नाबालिग हैं और उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जाना निंदनीय और शारीरिक हिंसा की श्रेणी में आता है। समिति ने कहा कि नाबालिग बच्चों के साथ शारीरिक हिंसा बाल अधिकार और किशोर न्याय अधिनियम का भी उल्लंघन भी है। समिति ने इस पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
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गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक