रानीखेत में पिछले 24 मई से लापता हुए 75 वर्षीय गुलाम नबी का शव आज रानीखेत के निकटवर्ती किलकोट के जंगल में एक गधेरे में मिला गया है। शव की हालत अत्यंत बुरी है। 8 दिन बाद मिले इस शव के अधिकांश हिस्सै को जंगली जानवरो द्वारा खा लिया गया है। वही शव पर कीड़े भी पड़ चुके हैं।
रानीखेत के कैंट स्कूल के नीचे की तरफ रहने वाले मृतक गुलाम नबी को अंतिम बार 24 मई की शाम रानीखेत किलकोट मार्ग पर देखा था। वह मानसिक रूप से कमजोर थे, लोगो ने अंदेशा लगाया था की संभवतया वह कैंट स्कूल से नीचे अपने घर की तरफ जाने का रास्ता भटक गए होंगे और किलकोट की तरफ चले गए होंगे। जिसके बाद उनकी काफी ढूंढ खोज की गयी लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पायी।
आज दोपहर जब ग्वाल में गाय बकरी चराने वाले किसी व्यक्ति ने झाड़ियों के बीच उनका शव देखा तो उनके परिजनों को सूचित किया। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और परिजनों द्वारा शव के बचे हुए हिस्से को किसी प्रकार उठाकर एक कम्बल में डाल कर स्थानीय शवगृह में लाया गया। जहाँ पुलिस और वन विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। खबर लिखे जाने तक पोस्टमार्टम एवं कानूनी कार्यवाही चल रही थी तथा उनकी मृत्यु तेंदुवे के हमले में हुयी है या किसी अन्य प्रकार से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुयी थी। हालाँकि परिजनों के अनुसार तेंदुवे ने ही उन्हें अपना शिकार बनाया है ऐसा प्रतीत होता है
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक