उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के तत्वावधान में पुलिस मुख्यालय में साइबर अपराध और उससे बचाव को लेकर एक कार्यशाला में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के 50 पत्रकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि परंपरागत साइबर अपराध की जगह नए साइबर अपराध हो रहे हैं। ऐसे अपराधों से सभी को जागरूक होने की जरूरत है। पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित कार्यशाला में पुलिस उपाधीक्षक साईबर क्राईम देहरादून अंकुश मिश्रा ने विभिन्न प्रकार के साईबर क्राइम एवं उनसे बचाव के तरीकों की जानकारी दी गयी। कार्यशाला में बताया गया कि साईबर अपराध क्या होते हैं एवं वे किस धारा के अन्तर्गत आते हैं। विभिन्न साईबर अपराधों पर प्रस्तुतीकरण एवं वीडियो के माध्यम से सभी को जागरूक किया गया। कार्यशाला में बैंक से सम्बन्धित साईबर अपराध, क्यूआर कोड स्कैम, व्हाट्सएप हैक, ओएलएक्स फ्राड, केवाईसी फ्रॉड, हनी ट्रैपिंग, डुप्लीकेट एप, ऑनलाईन लोन स्कैम, केबीसी फ्रॉड, सोशल मीडिया फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, सेक्सटार्शन, कम्प्यूटर सम्बन्धी फ्रॉड, आदि के सम्बन्ध में एवं उनसे बचने के उपायों के बारे में अवगत कराया गया। ऑनलाईन सर्च, फेक न्यूज शेयर करने सम्बन्धी सावधानियों के सम्बन्ध में चर्चा की गई। पत्रकारों द्वारा साइबर अपराध से सम्बन्धित पूछे गये प्रश्नों के जवाब दिए गए। चर्चा के अन्त में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया गया कि साईबर अपराधों की प्रकृति के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। परम्परागत साईबर अपराध के स्थान पर नये-नये साईबर अपराध हो रहे है और ऐसी स्थिति में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसी उपयोगी कार्यशालाऐं बडे स्तर पर आयोजित की जायेगी। इसके अलावा किसी भी वित्तीय साईबर फ्राड होने पर 1930 पर कॉल करने के लिए सभी नागरिकों को जागरूक करने की अपील की गई।
कार्यशाला में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा साईबर अपराधों में अब तक की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी दी गयी । कार्यशाला के अंत में साइबर काम कार्यशाला में भाग लेने वाले पत्रकारों को पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक