उत्तराखंड का ऐसा सरकारी स्कूल, जहां एडमिशन के लिए मची मारामारी,
सरकारी स्कूलों में छात्र पढ़ने नहीं आ रहे हैं। उत्तराखंड में कई स्कूल बंद भी हो गए हैं। जिसके कारण गांवों से पलायन हो रहा है। पर उत्तराखंड के बागेश्वर में एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है, जहां पर प्रवेश के लिए मारामारी मची हुई है। यहां पर प्रवेश पाने के लिए अभिभावकों की लंबी लाइन लगी है।
कपकोट के इस विद्यालय में कक्षा एक के लिए एडमिशन हो रहे हैं। तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने अभी तक पंजीकरण कराया है। फिलहाल 50 बच्चों को का चयन होना है। यहां पर प्रवेश के लिए अभिभावक और बच्चे को प्रवेश परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है।
बागेश्वर के कपकोट में सरकारी स्कूल में वहां के प्रधानाचार्य ने अथक प्रयास कर प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। पहले यहां पर बच्चों की संख्या लगभग 30 थी। वर्तमान में 284 हो गई है। तीन सेक्शन में कक्षाएं संचालित होती हैं।
कपकोट चाहे विकास के मायनों में अभी भी पिछड़ा हुआ है। यहां के कुछ गांवों में संचार सुविधा अभी नहीं है। लेकिन शिक्षा के मायने में अभिभावक अब पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। जबकि यहां एक दर्जन से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं।
एक अप्रैल 2016 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय कपकोट आदर्श विद्यालय बना। यहां प्रधानाध्यापक के रूप में ख्याली दत्त शर्मा ने कार्यभार ग्रहण किया। तब बच्चों की संख्या लगभग 30 थी। वर्तमान में 284 हो गई है। तीन सेक्शन में कक्षाएं संचालित होती हैं।
बावजूद राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चे के दाखिले के लिए अभिभावक सुबह नौ से शाम पांच बजे तक चटक धूप में लाइन पर खड़े रहने को मजबूर हैं। उन्हें यह भी मालूम नहीं है कि उनके बच्चे का एडमिशन होगा या नहीं।
प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा, शिक्षक मंजू गढ़िया, हरीश ऐठानी, अजय तिवारी आदि सुबह छह से रात 10 बजे तक स्कूल में उपलब्ध रहते हैं। वह प्रतियोगिता से संबंधित परीक्षाओं की निश्शुल्क तैयारी कराते हैं।
प्रधानाचार्य ख्याली दत्त शर्मा ने बताया कि विद्यालय में रोज प्रवेश के लिए लाइन लग रही है। अभी तक 300 पंजीकरण हो गए हैं। कक्षा एक में केवल 50 बच्चों को लिया जा सकेगा। अभिभावक और बच्चों से बेसिक, राइटिंग, रीडिंग आदि टेस्ट लिए जा रहे हैं।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक