★नरेंद्र पिमोली★
रामनगर की श्वेता मासीवाल, एक ऐसा नाम जो हजारों लोगों के दिलों में बसता है. उत्तराखंड में पहाड़ की ये बेटी सालों से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है. श्वेता मासीवाल 2011 से लगातार उत्तराखंड में बदहाल हो रही शिक्षा के स्तर को सुधारने में लगी हैं. श्वेता हर साल 25 दिसंबर को अपने भाई की याद में उन क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों को गोद लेती हैं, जिन गांवों की जनसंख्या 100 से कम होती है. ऐसे स्कूलों का कायाकल्प करने का काम करती हैं श्वेता और उनकी टीम.
रामनगर में हर समय मदद के लिए लोग संपर्क करते हैं. विशेषकर उनके गृह जनपद नैनीताल, राममगर के लोग उनसे आए दिन मदद मांगते हैं.
श्वेता का कहना है एक शिक्षित युवा सोच राजनीति में आ रही है ये देखकर उन्हें उत्साह हुआ।
दूसरा हमारे पहाड़ की स्तिथि का बया करती एक आमा की
इन्होंने नेताओ से उम्मीद छोड़ दी है।
लेकिन कल बोलीं इस बार वोट देंगी।
ये मेरी जीत है।
आप सभी से मिल रहे स्नेह से मैं अभिभूत हूँ।
इस बार राजनीति नहीं सेवा के लिए वोट दीजिएगा।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक