*थराली थाना क्षेत्र में नवजात शिशु से जुड़ी हृदय विदारक घटना में चमोली पुलिस की संवेदनशील और मानवीय पहल—72 घंटे तक मोर्चरी में सुरक्षित रखकर शिनाख्त के प्रयास, डॉक्टर्स के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी सहित पोस्टमार्टम, हिंदू रीति-रिवाजों के साथ बाल-समाधि, डीएनए सुरक्षित*
*अभियुक्तों की तलाश हेतु व्यापक सर्च एवं सत्यापन अभियान जारी*
थराली थाना क्षेत्रांतर्गत घटित संवेदनशील एवं हृदय विदारक घटना में पुलिस द्वारा अज्ञात नवजात शिशु के सिर को 72 घंटे तक मोर्चरी में सुरक्षित रखा गया तथा विभिन्न माध्यमों से उसकी शिनाख्त के भरसक प्रयास किए गए। निर्धारित समयावधि के भीतर भी पहचान न हो पाने पर *पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पँवार* द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी चमोली से विशेष आग्रह किया गया कि पोस्टमार्टम प्रक्रिया डॉक्टरों के पैनल द्वारा की जाए।
जिसके क्रम में आज उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में बाल रोग विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सक तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ—इन तीन डॉक्टर्स के पैनल द्वारा नवजात का पोस्टमार्टम किया गया, जिसकी संपूर्ण प्रक्रिया की विडियोग्राफी भी करवाई गई।
शिनाख्त न होने पर, पुलिस द्वारा पूरे विधि-विधान एवं हिंदू रीति-रिवाजों के साथ नवजात को बाल-समाधि दी गई। साथ ही, भविष्य में किसी भी संभावित जांच के लिए महत्वपूर्ण डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।
चमोली पुलिस इस संवेदनशील प्रकरण की गहनता से जांच कर रही है तथा दोषियों की पहचान व कठोर कार्रवाई हेतु हर संभव प्रयास जारी हैं।
*अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चमोली पुलिस द्वारा आज की प्रमुख कार्रवाई*
1- ड्रोन टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास 10–15 किलोमीटर क्षेत्र में तैनात कर ड्रोन के माध्यम से नवजात के शेष धड़/अवशेषों की खोज की गई।
2- थराली, देवाल, लोहाजंग एवं वाण क्षेत्र में उन महिलाओं की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया, जिनकी हाल ही में डिलीवरी हुई हो तथा बच्चा उनके पास दिखाई नहीं दे रहा हो, साथ ही नेपाली एवं बिहारी समुदाय के व्यक्तियों से संपर्क कर गर्भवती महिलाओं का अलग से सत्यापन।
3- आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सूचना संकलन, उन मामलों पर विशेष फोकस जिनमें डिलीवरी गुप्त रूप से हुई, अथवा महिला बीमार / अस्वस्थ हालत में है या घर से गायब है।
4- क्षेत्र के स्कूलों एवं कॉलेजों में जाकर प्रधानाचार्यों से पूछताछ, ऐसी छात्राओं की सूची तैयार करना जो लंबे समय से बीमारी का कारण बताकर विद्यालय नहीं आ रही हैं।
5- देवाल चिकित्सालय में क्षेत्र की सभी आशा कार्यकर्ताओं की सामूहिक बैठक, जिसमें उन्हें निर्देशित किया गया कि घर-घर जाकर यह सत्यापित करें कि किस महिला की डिलीवरी घर पर हुई है और कौन वर्तमान में अस्वस्थ अवस्था में है।
6- घटनास्थल के आस-पास से गुजरने वाले वाहनों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की सीसीटीवी फुटेज का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है।
7- ऐसी महिलाओं का सत्यापन, जिनकी हाल में डिलीवरी हुई है और बच्चा उनके पास है या नहीं, साथ ही यह भी जांच कि कहीं अनौपचारिक रूप से नवजात को गोद देने जैसी गतिविधि तो नहीं हुई है।
8- ऐसी महिलाओं की जांच, जो प्रसव होने के लिए अपने मायके आई हुई थी।
*थराली क्षेत्र में नवजात शिशु का सिर मिलने की घटना—चमोली पुलिस की त्वरित कार्रवाई, वैज्ञानिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले महत्वपूर्ण तथ्य*
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दिनांक 29 नवंबर 2025 को थराली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हाट कल्याणी से आगे वाण–मुंदोली सड़क मार्ग के नीचे एक खेत में नवजात शिशु का सिर मिलने की सूचना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। यह अत्यंत संवेदनशील और हृदय विदारक घटना थी, जिसकी सूचना मिलते ही थाना थराली से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुँचा।
घटना की गंभीरता को देखते हुए *पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पँवार ने स्वयं मामले का संज्ञान लेते हुए *पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग त्रिवेन्द्र सिंह राणा* को मौके की निगरानी और जांच के निर्देश दिए। एसपी चमोली के निर्देशों पर फील्ड यूनिट (फॉरेंसिक टीम), डॉग स्क्वाड व ड्रोन टीम द्वारा क्षेत्र में गहन सर्च अभियान चलाया गया तथा घटनास्थल से साक्ष्यों का संकलन तकनीकी और वैज्ञानिक तरीके से किया गया। इसके साथ ही एसओजी द्वारा आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए।
एसपी चमोली के आग्रह पर दिनांक 02 दिसंबर 2025 को उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा नवजात के सिर का पोस्टमार्टम किया गया।सम्पूर्ण प्रक्रिया की फोटो व वीडियोग्राफी भी करवाई गई तथा नियमानुसार 72 घंटे तक शिनाख्त न होने पर नवजात को संपूर्ण विधि-विधान एवं हिंदू रीति-रिवाजों के साथ सम्मानपूर्वक बाल-समाधि दी गई। भविष्य की किसी भी संभावित जांच के लिए महत्वपूर्ण डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।
दिनांक 03 दिसंबर 2025 को उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग से प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट का थाना थराली पुलिस द्वारा अवलोकन किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल ने स्पष्ट किया है कि मिला हुआ नवजात शिशु का सिर लगभग एक दिन पुराने शिशु का है। रिपोर्ट के अनुसार नवजात के नाक और कान में AIR BUBBLES नहीं पाए गए, जिससे यह मजबूत संकेत मिलता है कि शिशु मृत अवस्था में ही जन्मा था। साथ ही, नवजात के गले की कोई भी हड्डी क्षतिग्रस्त नहीं मिली, जिससे गला दबाकर हत्या करने की संभावना स्वतः समाप्त हो जाती है। पोस्टमार्टम में यह तथ्य भी सामने आया है कि नवजात की गर्दन किसी भी धारदार हथियार से नहीं काटी गई। इसके विपरीत, सिर पर जगह-जगह स्वान-प्रजाति के किसी जानवर द्वारा काटे जाने जैसे निशान पाए गए हैं। इन तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि मृत नवजात को कहीं दफनाया गया था, जिसके बाद किसी स्वान-प्रजाति के जानवर ने शरीर को मिट्टी से बाहर निकालकर सिर को उस स्थान तक पहुंचाया, जहाँ वह मिला था।*
इस प्रकार, प्रारंभिक आशंकाओं जैसे अपराध, अनिष्ट कार्य या तांत्रिक गतिविधि की सम्भावना अब नगण्य हो गई है। यह घटना अत्यंत संवेदनशील थी इसलिए प्रारंभ से ही पुलिस ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ कार्य किया है। वैज्ञानिक आधार पर जांच कर साक्ष्यों को सुरक्षित रखा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तथ्य स्पष्ट हैं, फिर भी पुलिस जांच हर कोण से पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और तथ्यों के आधार पर जारी रहेगी।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक