नेपाल हिंसा: उत्तराखंड में रह रहे नेपाली मूल के लोगों का अपने परिवार के लिए घबरा रहा दिल, फोन पर पता कर रहें हालात,बॉर्डर पर लगाया कर्फ्यू,
भारत में रहने वाले नेपाली नागरिकों को परिवार की सुरक्षा के लिए काफी बेचैन नजर आ रहे हैं। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद उत्तराखंड में रह रहे नेपाली नागरिकों को अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है। वे फोन कर हालात की जानकारी ले रहे है और सभी से घर में रहने की अपील कर रहे है। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में नेपाली मूल के लोग काम करते है। कई लोगों ने बताया कि जैसे ही हिंसा की खबरें सुनते हैं, दिल घबरा जाता है और तुरंत घर कॉल लगाते हैं। नेपाली समुदाय के संगठनों ने भी वहां के हालात पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि नेपाल में स्थिति सामान्य होने तक मानसिक शांति पाना मुश्किल है। सोशल मीडिया और टीवी चैनलों से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
बॉर्डर तक ही जा रहीं नेपाल की बसें
उत्तराखंड से भी कई स्तर पर अपडेट आ रही हैं। वही उत्तरप्रदेश परिवहन विभाग ने नेपाल में हिसा को देखते हुए आनंद विहार डिपो से नेपाल जाने वाली चारों बसों का रूट बदल दिया है। चारों बसे नेपालगंज और महेंद्रनगर जाती है। अब इन्हें बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नेपाल में जिस तरह से हिसा चल रही है, उसे देखते हुए फैसला किया गया है कि जब तक माहौल शांत नहीं हो जाता है, ये बसे रूपेहड़िया और टनकपुर तक ही चलेंगी।
नेपाल के जेन-जी आंदोलन की आग काठमांडू के उपरांत फैली पूरे नेपाल में,उत्तराखंड के चम्पावत बनबसा से लगे महेंद्रनगर कंचनपुर जिले में सेना ने लगाया कर्फ्यू,नेपाल के गृह मंत्री के महेंद्रनगर स्थित घर सहित एमाले/कांग्रेस के स्थानीय पार्टी कार्यालय में आगजनी तोड़ फोड़,भारत के बनबसा भारत नेपाल बॉर्डर पर पुलिस एसएसबी अलर्ट मोड पर। सीमावर्ती इलाकों में कर्फ्यू।
नेपाल सरकार के द्वारा फेसबुक व्हाट्स एप यूट्यूब सहित 26 विदेशी एप बैन करने के उपरांत ईटीवी भारत की टीम ने 07 सितंबर को चम्पावत जिले के बनबसा भारत नेपाल सीमा से लगे गड्ढा चौकी नेपाल पहुंच नेपाल की आवाम से सोशल मीडिया बैन के विषय में उनकी राय जानी थी वही आठ सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में जेन-जी आंदोलन के बैनर तले हजारों युवाओं ने सरकार के भ्रष्टाचार व सोशल मीडिया बैन के खिलाफ काठमांडू संसद का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया।वही प्रदर्शनकारियों के सुरक्षा बलों से टकराव गोलीबारी में लगभग 19 प्रदर्शनकारी युवाओं की जान चली गई।जिससे आक्रोशित जेन जी आंदोलन ने अगले दो दिनों में नेपाल सरकार का जोरदार विरोध प्रदर्शन कर तख्ता पलट कर दिया।नेपाल के प्रधानमंत्री सहित कई मंत्रियों को इस्तीफा दे देश छोड़ना पड़ा। जेन जी आंदोलन की आग काठमांडू से चल नेपाल के सभी बड़े शहरों में फेल गई है।उत्तराखंड के चम्पावत व उधम सिंह नगर जिले से लगे सुदूर पश्चिम प्रदेश के कंचनपुर जिले के महेंद्र नगर शहर में सेना द्वारा दस सितंबर को कर्फ्यू लगा दिया गया।साथ ही आमजन मानस को घरों से बाहर सड़को ने ना निकलने की चेतावनी जारी की गई।वही नेपाल जेन जी आंदोलन की आग में जहां पूरा नेपाल तप रहा है।वही उत्तराखंड के बनबसा खटीमा से लगी भारतीय सीमाओं पर एसएसबी व पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई। बीते रोज नेपाल के हालातो को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है।बनबसा बॉर्डर पर सुरक्षा का जिम्मा लिए एसएसबी द्वारा भारतीय को नेपाल में कर्फ्यू के हालातो में नेपाल ना जाने की अपील की जा रही है।जबकि भारत से नेपाल जाने वाले नेपाली नागरिक व नेपाल से भारत आ रहे भारतीय नागरिकों का आवागमन बनबसा के अधिकृत अंतराष्ट्रीय रूट से जारी है ।बनबसा से लगे नेपाल के महेंद्र नगर में कर्फ्यू के हालातो के बीच प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक के घर में आगजनी की है।जबकि भीम दत्त नगर पालिका की उप मेयर नीलम लेखक के घर में तोड़ फोड़ हुई है।वही नेपाल कंचनपुर जिले के जिला मुख्यालय महेंद्रनगर शहर में स्थित एमाले(एकीकृत माओवाद लेलिनवाद राजनीतिक दल व कांग्रेस राजनीतिक दल कार्यालय में आगजनी की खबर ब वीडियो सामने आए है।फिलहाल काठमांडू के बाद अब उत्तराखंड के चंपावत/उधम सिंह नगर जनपद से लगे नेपाल के कंचनपुर महेन्द्र नगर शहर में फिलहाल चिंताजनक हालात है।भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उत्तराखंड के सीमावर्ती नेपाल इलाकों पर नजर बना सीमांत सुरक्षा को एलर्ट मोड़ पर रखे हुए है।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन की आड़ में किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए बुधवार को सुबह से शाम पांच बजे तक देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए गए हैं. अगले दिन सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. इधर नेपाल की स्थिति को लेकर कोलकाता के रेड लाइट में नेपाली सेक्स वर्कर्स टेंशन में हैं.
कालीघाट से लेकर हावड़ा और हुगली के छोटे वेश्यालयों तक, कभी सेक्स वर्कर्स में नेपाली लोगों की बड़ी संख्या थी और सोनागाछी में अब भी उनमें से कई मौजूद हैं. इस परिस्थिति में अब वे खुद को अनिश्चितता में फंसा हुआ पाती हैं, जो अपने परिवारों से संपर्क करने या घर पैसे भेजने में असमर्थ हैं. नेपाल के हवाई अड्डे बंद हैं, अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील हैं और संचार नेटवर्क पूरी तरह से ठप हो गया है.
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक