National Games 2025: पदकों की फिक्सिंग में कितनी हकीकत, कितना फसाना…आईओए को विस्तृत जांच के लिए लिखा पत्र
ताइक्वांडो में पदकों की फिक्सिंग के आरोपों के पीछे कितनी हकीकत और कितना फसाना है, यह सवाल लगातार बड़ा होता जा रहा है। खेल निदेशालय से लेकर खेल संघों तक में चर्चा है कि आखिर पदकों की फिक्सिंग कैसे हो सकती है, यह स्पष्ट होना चाहिए। जिन जगहों पर खेल प्रतिस्पर्धाएं हो रही हैं, वहां वीडियो कैमरे हर एंगल से पल-पल रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, चयन के लिए एक पूरी प्रक्रिया निर्धारित है। पदकों की फिक्सिंग के आरोप पर डीओसी के खिलाफ कार्रवाई से पूरी प्रक्रिया पर संदेह पैदा हो गया है।इस बारे में ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को दो पत्र लिखे गए हैं। फेडरेशन के उपाध्यक्ष संतोष कुमार मोहंती ने कहा कि पदकों की फिक्सिंग का आरोप बेबुनियाद है। शिकायत पूरी तरह तथ्यहीन लगती है, क्योंकि पदकों की फिक्सिंग किसी सूरत में नहीं हो सकती।खेल माहौल व प्रतिष्ठा पर असर
पदक तय करना किसी एक अधिकारी या उसकी टीम के लिए मुमकिन नहीं। प्रतियोगिता स्थलों पर सारे खेल पर आठ-आठ हाई डेफिनिशन कैमरों और विशेषज्ञों की निगाह रहती है, ऐसे में तीन, दो या एक लाख में पदकों की बोली का आरोप तथ्यों से परे लग रहा है। इसलिए फेडरेशन ने आईओए से तमाम तथ्यों पर गौर करने की मांग की है।
वहीं, खेल निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस तरह के आरोपों में यदि सच्चाई है तो उसे शीघ्र उजागर होनी चाहिए, अन्यथा खेलों गतिविधियों के बीच डीओसी स्तर पर कार्रवाई से खेल माहौल व प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संबंधित शिकायत की जांच में आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी शामिल रहे हैं, उन्हें कुछ तो मिला होगा, जिसके आधार पर डीओसी को हटाया गया, लेकिन पदकों की फिक्सिंग की बात गले नहीं उतरती। अन्य आरोपों के तथ्य खंगाले जा सकते हैं, लेकिन खिलाड़ी और पदकों के स्तर पर फिक्सिंग की कोई संभावना नहीं है। ताइक्वांडो में दो संगठनों के बीच विवाद कोर्ट तक पहुंचा है, इसलिए दूसरे कोण से भी जांच की जा रही है।मेरे खिलाफ न कोई दस्तावेजी साक्ष्य है, न फोटोग्राफ है, न ही कोई वीडियो या वॉयस रिकार्डिंग। मेरी कोई बात किसी एथलेटिक्स या अधिकारी से नहीं हुई। बेबुनियाद आरोपों के आधार पर कार्रवाई मेरे लिए बहुत दर्दनाक है, इससे मेरा परिवार भी बहुत दबाव में है। – टी. प्रवीण कुमार, हटाए गए डीओसी
*झूठी व भ्रामक खबरों के माध्यम से राज्य की छवि खराब करने का प्रयास करने वाले पोर्टल संचालक के विरुद्ध दर्ज किया गया अभियोग
*थाना रायपुर*
आज दिनांक 06/02/2025 को श्री राजेश ममगाई, प्रधानाचार्य महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून द्वारा थाना रायपुर में लिखित तरीके की दिनांक 05/02/2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंड वाले नाम के पोर्टल के संचालक द्वारा उत्तराखंड में आयोजित 38 वे राष्ट्रीय खेलों के Logo के साथ माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार की फोटो लगाते हुए “उत्तराखंड में हो रहे राष्ट्रीय खेलों में फिक्सिंग और भ्रष्टाचार का खेल, लाखों में बेचे जा रहे पदक” शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की गई है, उक्त खबर में संबंधित संचालक द्वारा झूठ व भ्रम फैलाते हुए पदकों की कीमत का भी उल्लेख किया गया है, जिसे विभिन्न माध्यमों से प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
उक्त झूठी एवं भ्रमित खबर के माध्यम प्रतिस्पर्धा में आए खिलाड़ियों एवं उनके समर्थको के साथ संपूर्ण भारत के राज्यों में उत्तराखंड राज्य की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे उत्तराखंड राज्य के खेल विभाग की प्रतिष्ठा के साथ-साथ खिलाड़ियों के मन में भी हीन भावना का प्रसार हो रहा है।
वादी द्वारा दी गई उक्त तहरीर के आधार पर उत्तराखंड वाले नाम के पोर्टल के संचालक के विरुद्ध थाना रायपुर में मु०अ०सं०- 39/25 धारा 353(2) भारतीय न्याय संहिता के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक