Rajeev Jain IT Raid: राजीव जैन के घर से फेंका गया था बैग, इनकम टैक्स अधिकारियों ने खोला तो फटी रह गई आंखें
आयकर विभाग की छापेमारी में कांग्रेस नेता राजीव जैन के घर से पड़ोसी की छत पर फेंका गया बैग रुपयों से भरा मिला। आयकर अधिकारियों ने उस बैग को खोला तो वह दंग रहे गए। आयकर अधिकारियों ने बैग में मिले सामान को जब्त कर लिया है। राजीव जैन के अलावा उनके संबंधियों और बिल्डर मानस लुंबा के ठिकानों पर भी छापेमारी जारी है।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी राजीव जैन समेत उनके संबंधियों और बिल्डर मानस लुंबा के ठिकानों पर आयकर विभाग दिल्ली की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। आयकर की अलग अलग टीम राजीव जैन के देहरादून के रोचीपुरा स्थित आवास, इसी क्षेत्र में उनके भाई, बहन और अन्य संबंधियों के आवास पर भी जांच कर रही है। राजीव जैन के मेरठ में रहने वाले समधी के अलावा कारोबार सहयोगी बिल्डर मानस लुंबा के डालनवाला, दिल्ली आदि क्षेत्रों के ठिकानों पर भी जांच गतिमान रही
आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान जो बैग कांग्रेस नेता राजीव जैन के घर की छत से पड़ोसी की छत पर फेंका गया था, वह रुपयों से भरा मिला। बताया जा रहा है कि बैग में 500 रुपए की गड्डियां थीं और कुल रकम एक करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है। आयकर अधिकारियों ने कैश को जब्त कर इसे अघोषित आय में जोड़ दिया है।
छापे के पहले दिन आयकर अधिकारियों को जो बैग राजीव जैन के पड़ोसी की घर की छत से मिला था, वह दिन भर चर्चा का विषय बना रहा। बैग में क्या था, इस पर आयकर अधिकारियों ने भी कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, अब जो बात समाने आई है, उसके मुताबिक बैग रुपयों से भरा था। रकम को आयकर टीम से बचाने के लिए ही राजीव जैन ने यह बैग पड़ोसी की छत पर फेंक दिया था।
100 बीघा भूमि और उस पर किए गए निवेश की भी जांच
हालांकि, घर में लगे सीसी कैमरों की फुटेज की जांच में बैग फेंकने की जानकारी मिल गई। इसके अलावा भी आयकर टीम के हाथ अघोषित संपत्ति के कई दस्तावेज मिले हैं। राजपुर क्षेत्र में जैन की करीब 100 बीघा भूमि और उस पर किए गए निवेश की भी अधिकारी जांच कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार अघोषित संपत्ति के कई प्रमाण जैन के स्वजनों और उनके अन्य संबंधियों से भी मिले हैं। हालांकि, अभी कर अपवंचना का आंकड़ा स्पष्ट नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि आयकर अधिकारी जांच पूरी करने के बाद नोटिस जारी कर राजीव जैन और मानस लुंबा आदि को पूछताछ के लिए बुला भी सकते हैं।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक