कुमाऊं में 1860 आंगनबाड़ी केंद्रों में लटके ताले, 29 हजार बच्चों का पुष्टाहार बंद
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्य बहिष्कार से जिले भर में 1860 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक गए हैं, इससे 29 हजार बच्चों का पुष्टाहार भी बंद हो गया है। धात्री महिलाओं को भी पुष्टाहार मिल पाना इन हालात में मुश्किल है, इससे विभाग की चिंता बढ़ गई है।
मंगलवार से जिले भर की ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 18 हजार रुपये मानदेय देने की मांग पर कार्य बहिष्कार पर हैं। ऐसे में जिले भर में संचालित 1860 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक गए हैं और इनके भीतर बच्चों और धात्री, गर्भवती महिलाओं के लिए रखा पुष्टाहार भी डंप हो गया है। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचने वाले 14 हजार और घर पर रहने वाले सात से तीन वर्ष के 15 हजार से अधिक बच्चों को पुष्टाहार मिलता है। वहीं गर्भवतियों और धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पुष्टाहार बांटता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
अल्मोड़ा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कार्य बहिष्कार करते हुए नगर के चौघानपाटा गांधी पार्क में धरना दिया। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से 18 हजार रुपये मानदेय, सेवानिवृत्ति पर पांच लाख रुपये देने की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही। मजबूर होकर उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है। चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती वे काम पर नहीं लौटेंगी। इस मौके पर संगठन की जिलाध्यक्ष किरन जोशी, उपाध्यक्ष उमा अधिकारी, महामंत्री लक्ष्मी रौतेला, पुष्या, प्रेमा चिलवाल, दीपिका तिवाड़ी, रजनी, लौला, नीमा देवी, मीना आर्या, आशा देवी सहित कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मौजूद रहीं।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक