जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आज तहसील कर्णप्रयाग, उप कोषागार एवं सिमली में निर्माणाधीन महिला बेस अस्पताल तथा महाविद्यालय कर्णप्रयाग में स्मार्ट क्लास निर्माण कार्यो का औचक निरीक्षण किया। कर्णप्रयाग मे कार्यालय अभिलेखों एवं विभिन्न पटलो का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने एसडीएम एवं तहसीलदार कोर्ट मे राजस्व एवं क्रिमिनल वादो का समय से निस्तारण करने के निर्देश दिए। भूमि अधिग्रहण अभिलेखों की जांच में राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे के तहत अधिग्रहित भूमि के कुछ प्रकरणों में अभी तक मुआवजा वितरण न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि मुआवजा वितरण के जितने भी वाद न्यायालय स्तर पर या विचारधीन है उनकी सूची शीघ्र उपलब्ध कराएं। साथ ही गोल खाते की वजह से जहाॅ पर मुआवजा वितरण में समस्या आ रही हो वहाॅ पर तामली के लिए नोटिस चस्पा करें और समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करते हुए मुआवजा वितरण करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने राजस्व वसूली के लंबित मामलों की जांच करते हुए बकायदारों से वसूली में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। पटवारी चैकियों के बारे में जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पटवारी चैकियों में चल रहे मरम्मत कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने तहसील उप कोषागार का निरीक्षण भी किया और उप कोषागार के डबल लाॅक में रखे स्टाॅप पेपर एवं पत्रावलियों की जांच की।
जिलाधिकारी ने सिमली मेें नवनिर्मित महिला बेस चिकित्सालय एवं आवासों का भी निरीक्षण किया। यहाॅ पर 48 बैड का अस्पताल एवं चिकित्सकों के आवास बनकर लगभग तैयार हो चुके है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पताल का संचालन शीघ्र शुरू करने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कर्णप्रयाग महाविद्यालय में बन रहे माॅर्डन स्मार्ट क्लास के निर्माण कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अवशेष कार्यो को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। विदित हो कि जिलाधिकारी की उच्च शिक्षा के क्षेत्र मेें अभिनव पहल के तहत जनपद में गोपेश्वर, जोशीमठ, पोखरी तथा कर्णप्रयाग महाविद्यालयों में माॅर्डन समार्ट क्लास बनाए जा रहे है जिसके तहत क्लासरूम की मरम्मत तथा साज सज्जा सहित प्रोजेक्टर, माइक सिस्टम, फर्नीचर आदि सभी आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे है। जिससे काॅलेज के छात्रों की आडियो-विजुअल माध्यम से पढा़ई को अधिक रूचिकर बनाया जा सके।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक