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एक कार्यकर्ता ( मेरे) की मन की पीड़ा😢
तस्वीर मुस्कुराती हुई लेकिन मन बड़ी पीड़ा में है, कितनी उम्मीद और आशा के साथ हम सभी काम करते हैं अपनी पार्टी के लिए, अपने नेता के लिए, एक एक दिन हम इंतजार करते हैं कि अब चुनाव होंगे हमारी सरकार आयेगी, लड़ते हैं धूप में, बारिश में, घर को किनारे घर हम मेहनत करते हैं ।
आज जो पीड़ा हम झेल रहे हैं शायद ही कोई अन्य इसे महसूस कर सके, उत्तराखंड की बात करूं आज उत्तराखंड में कांग्रेस किस जगह आकर ला दी गयी है पिछले 2017 के चुनाव के बाद जो मेहनत की थी उत्तराखंड में कांग्रेस को ज्यादा सीट जिताकर लाने की ।
11 से हम पहुँचे 19 में, 5 साल की मेहनत में 8 संख्या हम बड़ा पाये जो 19 पर आकर रुकी, ये संख्या 40 बढ़ती की टिकट में जो उठा पटक की गई, हमें संख्या देखनी पड़ी 19 ..
जो जहाँ से तैयारी कर रहे थे उन्हें टिकट वहाँ से क्यों नही दिया गया ?
क्यों जिताऊँ उम्मीदवार को टिकट ना देकर निर्दलीय लड़ने पर मजबूर किया गया ?
मुस्लिम यूनिवर्सिटी बयान क्यों दिया गया ?
हर विधानसभा में प्रत्येक कार्यकर्ता को टिकट देने की बात क्यों कि गयी, तैयार कोई भी कर सकता है सबका अधिकार है, लड़ेगा तो एक ही तो क्यों ना मजबूत उम्मीदवार के लिए सबसे मेहनत करने को कहा गया ? बारी बारी आगे सभी भविष्य में लड़ सकते थे चुनाव ?
हमारी गलती क्या है कि हम कांग्रेस के सिपाही हैं, ऐसे समय मे कितना मनोबल टूटता है एक कार्यकर्ता का,हमे जीता हुआ देखने की उम्मीद करते हुए वोटर का, इसकी पीड़ा कौन समझेगा ?
आज हम मजबूत कर लें खुद को ये सोचकर कि अगली बार हम जीतेंगे 2027 में सरकार बनाएंगे ।
फिर से किसी पापी का जन्म होगा फिर से आग लगा दी जायेगी सबको जला दिया जायेगा ।
हम कब मजबूत होंगे कैसे मजबूत होंगे ये बहुत बड़ा विषय है
जिसने उत्तराखंड में कांग्रेस को खत्म करने का काम किया है ऐसे अपराधी को जल्दी सजा दी जाये ।
आगे की स्थिति सभी समझ देख रहे हैं ।

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