माता-पिता की मृत्यु के बाद भी यदि बेटी का तलाक होता है तो पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों की तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन का लाभ देने के लिए नियमों में बदलाव करने जा रही है…… वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है अब यह प्रस्ताव प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आएगा केंद्र सरकार और यूपी में यह संशोधन पहले ही हो चुका है मौजूदा व्यवस्था के तहत सेवानिवृत्ति राज्य कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को पारिवारिक पेंशन मिलती है कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का यह 30 प्रतिशत होता है । पारिवारिक पेंशन में अब तक तलाकशुदा बेटी की परिभाषा के मुताबिक माता-पिता की जीवित रहते हुए जिसकी तलाक की प्रक्रिया पूरी हो गई हो उसे पात्र माना जाता था वित्त मंत्री के मुताबिक नियमों में बदलाव से अब इस शर्त को हटाया जा रहा है उन्होंने कहा कि यदि किसी बेटी के तलाक की प्रक्रिया उसके माता-पिता के जीवित रहते हुए हो गई है और निर्णय यदि बाद में भी आता है तो वह भी पारिवारिक पेंशन की पात्र होगी सरकार का यह निर्णय एक पूर्व खेल अधिकारी की तलाकशुदा बेटी द्वारा मामला उठाए जाने के बाद लेना पड़ा है खेल अधिकारी की बेटी का तर्क था कि उसकी तलाक की प्रक्रिया पिता की जीवित रहते हुए वर्ष 2019 में शुरू हो गई थी ।
उत्तराखंड सरकार अब भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की तरह अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्रियों के पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है।
वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य के राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि ऐसे राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशन भोगी जिनकी पुत्री के तलाक की प्रक्रिया उनके जीवित रहते हुए पूर्ण हो जाती है उन पर पूर्ण रूप से आश्रित होने की दशा में पात्रता पूर्ण करने पर पारिवारिक पेंशन स्वीकृति की जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस व्यवस्था में ऐसी पुत्रियां भी शामिल होंगी। जिनका अपने माता-पिता के जीवित रहने के दौरान न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई हो और माता-पिता के मृत्यु के बाद तलाक हुआ हो।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक